Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहे एक हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि हुई है। यह हादसा गौरीकुंड के पास धुरी खर्क क्षेत्र में सुबह लगभग 5:17 बजे हुआ। हादसे में सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसमें महाराष्ट्र से आए एक दंपति और उनका 23 महीने का मासूम बच्चा भी शामिल है। हेलिकॉप्टर आर्यन हेली एविएशन का बताया जा रहा है।
हादसे की जानकारी सबसे पहले कैसे मिली
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गौरीकुंड के ऊपरी क्षेत्र में घास काट रही नेपाली मूल की महिलाओं ने सबसे पहले इस हादसे की जानकारी दी। इसके बाद प्रशासन को सूचित किया गया और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने इस दुर्घटना की आधिकारिक पुष्टि की है।

हादसे की वजह क्या रही?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा तकनीकी खराबी और खराब मौसम की वजह से हुआ। बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ हेलीपैड से सुबह उड़ान भरी और गुप्तकाशी की ओर जा रहा था। लेकिन रास्ते में खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी, जिसके दौरान हेलिकॉप्टर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यह दुर्घटना घटी।
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की सूची
इस दर्दनाक Kedarnath Helicopter Crash में जिन सात लोगों की जान गई, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
- राजवीर – पायलट
- विक्रम रावत – बीकेटीसी निवासी, रासी उखीमठ
- विनोद
- तृष्टि सिंह
- राजकुमार
- श्रद्धा
- राशी – 10 वर्षीय बालिका
इनके अलावा एक 23 महीने के बच्चे की भी मौत हुई, जो महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु दंपति का था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जताया दुख
जनपद रुद्रप्रयाग में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन एवं अन्य रेस्क्यू दल राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 15, 2025
बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूँ।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “रुद्रप्रयाग जिले में हेलिकॉप्टर क्रैश की अत्यंत दुखद घटना की सूचना प्राप्त हुई है। SDRF, स्थानीय प्रशासन व अन्य टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। बाबा केदार से सभी की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।”
पहले भी हो चुके हैं हादसे
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यह इस साल केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने (2 मई 2025) के बाद से पांचवां हेलिकॉप्टर दुर्घटना है। लगातार हो रहे ऐसे हादसों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन को अब हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था और मौसम निगरानी प्रणाली को और अधिक सशक्त करने की जरूरत है।
सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
हादसे के बाद श्रद्धालुओं और आमजन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बार-बार हेलिकॉप्टर क्रैश क्यों हो रहे हैं? क्या तकनीकी जांच पर्याप्त नहीं हो रही? क्या मौसम को नजरअंदाज कर उड़ानें संचालित हो रही हैं? इन तमाम सवालों का जवाब प्रशासन और हेलिकॉप्टर कंपनियों को देना होगा।
निष्कर्ष
Kedarnath Helicopter Crash ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई यात्रा जितनी सुविधाजनक होती है, उतनी ही जोखिम भरी भी। श्रद्धालुओं की जान की कीमत अनमोल है और सरकार को चाहिए कि वह सुरक्षा के सभी मानकों की कड़ाई से निगरानी करे। इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं को भावभीनी श्रद्धांजलि। बाबा केदार सभी दिवंगत आत्माओं को शांति दें।