आज 10 जुलाई 2025 को देश भर के कृषि बाजारों में व्यापारी और किसान, दोनों ही Mandi Bhav की ताज़ा जानकारी पर गहरी नजर बनाए हुए हैं। बाज़ार में कई फसलों की कीमतों में उतार‑चढ़ाव देखा गया है। खासतौर पर सीधी फील्ड वाली फसलें—जैसे सोयाबीन, प्याज, लहसुन में भिन्नता देखने को मिल रही है। ऐसे में सही समय पर बेचने की सोच रहे किसान या व्यापारी यह जानना चाहेंगे कि आज माल बेचें या रोकें — और उसी मद्देनज़र प्रस्तुत है आज के प्रमुख मंडियों में तय भावों की विस्तृत जानकारी:
आज का ताजा मंडी भाव अपडेट
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Table of Contents

अनाज (Grains / दालें के भाव – प्रति क्विंटल)
फसल | न्यूनतम (₹) | अधिकतम (₹) |
---|---|---|
सोयाबीन | 2,565 | 3,700 |
गेहूं | 2,360 | 3,055 |
गेहूं (सुझाता) | 2,600 | — |
मक्का | 3,100 | 3,800 |
मूंगफली (डॉलर) | 6,120 | 9,800 |
मूंगफली (देसी) | 5,160 | 7,500 |
चना संख्या | 3,200 | — |
आमचूर | 3,000 | — |
मसूर | 4,080 | 6,900 |
मुंग | 4,170 | 7,700 |
मुंग औसत | 4,030 | 6,200 |
तुअर | 3,110 | 6,400 |
सफेद तुअर (महा) | 2,180 | 6,800 |
सब्जियां (सब्जियों के भाव – 10 किलो पैकेट में)
सब्जी | न्यूनतम (₹) | अधिकतम (₹) |
---|---|---|
सेब | 2,800 | 13,200 |
केला | 610 | 1,500 |
टमाटर | 713 | 1,800 |
कद्दू | 103 | 600 |
खीरा | 500 | 800 |
करेले | 610 | 700 |
आलू (गॉडेस) | 210 | 500 |
बैंगन | 320 | 340 |
फूलगोभी | 210 | 1,000 |
अदरक | 540 | 700 |
हरी मिर्च | 1,130 | 3,000 |
आलू (Potato – 10 किलो पैकेट में)
किस्म | न्यूनतम (₹) | अधिकतम (₹) |
---|---|---|
एक्स्ट्रा सुपर | 2,200 | 3,600 |
गूला | 3,000 | 4,100 |
ज्योति | 1,100 | 1,800 |
चिप्सोना | 820 | 1,500 |
चंतन | 900 | 2,000 |
प्याज (Onion – प्रति क्विंटल)
श्रेणी | न्यूनतम (₹) | अधिकतम (₹) |
---|---|---|
एक्स्ट्रा सुपर | 4,200 | 5,000 |
सुपर | 4,200 | 4,500 |
औसत (एवरेज) | 3,100 | 3,800 |
लहसुन (Garlic – प्रति क्विंटल)
श्रेणी | न्यूनतम (₹) | अधिकतम (₹) |
---|---|---|
एक्स्ट्रा सुपर गार्लिक | 21,400 | 28,000 |
सुपर गार्लिक | 12,300 | 19,000 |
एवरेज | 10,400 | 17,000 |
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Mandi Bhav पर बनी स्थिति: क्यों उतार-चढ़ाव हैं?
- सीधी मंडी-फील्ड कनेक्शन: प्याज, आलू, लहसुन जैसी फसलों की रेट में उतार-चढ़ाव का बड़ा कारण है इनका मार्केट तक ताजा आने-का समय। सीधे खेतों से आने वाली फसलें, मौसम या ट्रांसपोर्ट के हिसाब से भाव बदल जाती हैं।
- मौसमीय प्रभाव: मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय हो गया है, जिससे सब्जियों की पैदावार प्रभावित हुई और मंडी दरों में बदलाव आ रहा है।
- आपूर्ति और मांग में असंतुलन: आलू और प्याज में स्टॉक तमाम क्षेत्रों में नौकरियों के कारण असंतुलित हो गया है, जिससे एक ओर जहां भाव ऊंचा है, वहीं दूसरी ओर जहां अधिक स्टॉक बचा है, वहां भाव नीचे है।
- अंतर‑राज्यीय ट्रांसपोर्ट: बारिश के दौरान कई इलाकों में ट्रांसपोर्ट धीमा पड़ गया है, जिससे मंडियों में सलाना आवक प्रभावित हुई और मंडी भाव में उतार-चढ़ाव देखा गया।
किसान और व्यापारी के लिए क्या मायने रखता है यह Mandi Bhav?
किसान:
- आज का भाव जानने के बाद किसान तय कर पाएंगे कि अभी माल मंडी भेजना चाहिए या थोड़ी दिन इंतजार करना चाहिए।
- स्टॉक होल्डिंग का निर्णय: प्याज या आलू जैसी फसलों में स्टॉक बचा हुआ हो, तो रेट सुधारने का इंतजार करना बेहतर रहेगा।
व्यापारी:
- मूल्य अंतराल समझकर व्यापारी रेट गिरने या बढ़ने की स्थिति में आगे की रणनीति बना सकते हैं।
- मार्केटिंग का समय चुनना: भाव ऊँचे होने पर जल्द माल बेचना फायदेमंद रहेगा।
Mandi Bhav अपडेट के लिए सरल गाइडलाइन
- रोज़ाना कृषि मंडी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से Mandi Bhav चेक करें।
- क्षेत्रीय मंडियों जैसे इंदौर, लखनऊ, इटावा, ग्वालियर इत्यादि का भाव एक्सरसाइज करें—क्योंकि क्षेत्र के हिसाब से भाव बहुत बदलते हैं।
- ट्रांसपोर्ट, मौसम और स्टॉक जैसी बातों का ख्याल रखकर माल भेजने या रोकने का समय चुनें।
- सरकार की कृषि नीतियों और MSP (Minimum Support Price) के अपडेट भी ध्यान रखें।
जल्द अपडेट: आने वाले एक-दो हफ्ते में मंडी भाव की क्या स्थिति रहेगी?
मौसम रिपोर्ट और मंडी के हालात ध्यान में रखते हुए अनुमान है कि:
- सोयाबीन और मक्का के भाव लगातार कमजोर रह सकते हैं अगर बारिश तेज़ हुई तो।
- प्याज-आलू- लहसुन जैसे कृषि उत्पादों में स्टॉक अधिक बना रहे तो भाव गिर सकते हैं।
- अगर मानसून सुस्त हो गया, तो सब्जियों के भाव में तेजी आ सकती है।
निष्कर्ष
आज का Mandi Bhav जानना किसान, व्यापारी और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे तय होता है कि खेत की फसल कब बेचें और कब रोकें। आज प्रस्तावित भावों के अनुसार, कुछ फसलों में कीमतें बढ़ी हैं, वहीं कुछ में गिरावट भी देखने को मिली है। मौसम के उतार-चढ़ाव, ट्रांसपोर्ट की स्थिति और स्टॉक पर फ़ैसला लेना आज की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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