Sahiwal Cow: देसी नस्लों की रानी है साहिवाल नस्ल की ये गाय, यहाँ जाने दूध उत्पादन और पहचान से जुड़ी पूरी जानकारी। भारत में देसी गायों की कई नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन उनमें से साहीवाल गाय सबसे खास है। यह अपनी ज्यादा दूध उत्पादन क्षमता और दूध की गुणवत्ता के लिए डेयरी उद्योग में एक “नगीने” की तरह मानी जाती है। अगर आप भी साहीवाल गाय पालने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।
साहीवाल गाय का नाम और उत्पत्ति
साहीवाल गाय का नाम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित साहीवाल जिले के नाम पर पड़ा है। यह नस्ल मुख्य रूप से इसी क्षेत्र से संबंधित है। भारत में, यह गाय पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर पाली जाती है।
साहीवाल गाय की पहचान कैसे करें?
अगर आप एक शुद्ध साहीवाल गाय की पहचान करना चाहते हैं, तो इन खास बातों पर ध्यान दें:
- रंग और बनावट: इस गाय का रंग आमतौर पर लाल से भूरा होता है। इसकी टांगें छोटी और सिर थोड़ा चौड़ा होता है।
- शारीरिक विशेषताएं: इसकी पीठ पर एक अच्छी तरह से विकसित कूबड़ (hump) होता है, और गर्दन के नीचे की खाल ढीली होकर लटकी रहती है।
- वजन: साहीवाल गाय का वजन लगभग 300 से 400 किलोग्राम तक हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, शुद्ध नस्ल की साहीवाल गाय खासकर पंजाब और फिरोजपुर जैसे इलाकों में पाई जाती है।
साहीवाल गाय का दूध: उत्पादन और विशेषताएँ
साहीवाल गाय अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, और यही वजह है कि इसका दूध महंगा होता है।
- दूध उत्पादन: सामान्यतः, यह गाय एक दिन में 10 से 16 लीटर तक दूध दे सकती है। वहीं, अच्छी देखभाल और पोषण मिलने पर कुछ गायें एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध भी दे सकती हैं। एक पूरे ब्यांत (lactation period) में यह गाय 4500 किलोग्राम तक दूध का उत्पादन करती है।
- दूध की गुणवत्ता: साहीवाल गाय का दूध A2 श्रेणी का होता है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसका स्वाद भी मीठा होता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
निष्कर्ष – Sahiwal Cow
साहीवाल गाय को पालना किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है, क्योंकि यह न सिर्फ अच्छा दूध देती है बल्कि भारतीय जलवायु में भी आसानी से ढल जाती है।
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