MP NEWS : 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक जीत, इंदौर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक जीत, इंदौर बना देश का सबसे स्वच्छ शहर भारत सरकार द्वारा आयोजित 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर मध्य प्रदेश ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से पूरे देश को चौंका दिया है। शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार उत्कृष्टता की मिसाल बन रहे मप्र के शहरों ने इस वर्ष कुल 8 राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किए हैं। 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश ने रचा इतिहास! इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना, भोपाल को मिला दूसरा स्थान। जानें किन 8 शहरों को मिला राष्ट्रीय सम्मान और कैसे MP बना स्वच्छता में देश का सिरमौर

इंदौर ने जहां सुपर लीग श्रेणी में पहला स्थान हासिल कर प्रदेश का मान बढ़ाया है, वहीं राजधानी भोपाल ने भी देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर बनकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इन पुरस्कारों की घोषणा से न केवल राज्य में उत्साह की लहर है, बल्कि यह साफ दर्शाता है कि मध्य प्रदेश स्वच्छता की दिशा में एक मजबूत नेतृत्व कर रहा है।

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इंदौर ने फिर मारी बाज़ी, भोपाल को भी मिला गौरव

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखते हुए सुपर लीग श्रेणी में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह लगातार कई वर्षों से इंदौर की श्रेष्ठता का प्रतीक है। इंदौर की इस सफलता के पीछे वहां के नगर निगम की कार्यप्रणाली, नागरिकों की जागरूकता और सफाई कर्मचारियों की मेहनत है।इसी प्रकार भोपाल ने भी देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर बनकर मध्य प्रदेश की साख को और मजबूत किया है। भोपाल की सफलता इस बात की गवाही देती है कि प्रदेश की राजधानी न सिर्फ प्रशासनिक रूप से सशक्त है, बल्कि सफाई के प्रति भी गंभीर है।

उज्जैन, बुधनी सहित 8 शहरों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के कुल आठ शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इंदौर, उज्जैन और बुधनी को सुपर लीग श्रेणी में शामिल किया गया है, जो उन शहरों के लिए आरक्षित है जो बीते तीन वर्षों से निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इसके अलावा भोपाल, देवास और शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवार्ड मिलेगा जबकि जबलपुर और ग्वालियर को मिनिस्ट्रियल अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार 17 जुलाई को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किए जाएंगे। इस ऐतिहासिक मौके पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, सभी महापौर और नगर निगम आयुक्त मौजूद रहेंगे।

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प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को साकार कर रहा मप्र

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश की यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने का परिणाम है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा कि यह सम्मान प्रदेश की जनता, सफाई कर्मचारियों, महापौरों, पार्षदों और अधिकारियों की टीमवर्क और समर्पण का नतीजा है।

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे स्वच्छता को सिर्फ अभियान नहीं, बल्कि जीवनशैली बनाएं। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर अपने शहर, मोहल्ले और वार्ड को स्वच्छ बनाए रखें ताकि मध्य प्रदेश की यह शानदार पहचान हमेशा बनी रहे।

उज्जैन, बुधनी और इंदौर – राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की बड़ी भूमिका

इस बार उज्जैन, जो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का गृह जिला है, उसे भी सुपर लीग में टॉप स्थान प्राप्त हुआ है। यह सिद्ध करता है कि राजनीतिक नेतृत्व जब सजग होता है, तो परिणाम भी प्रभावशाली होते हैं।

इसी तरह बुधनी, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र रहा है, उसने भी शीर्ष प्रदर्शन किया है। वहीं इंदौर, जो वर्तमान में राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का गृहनगर है, ने फिर से नंबर 1 स्थान हासिल कर एक खास पहचान कायम की है। यह सफलता दिखाती है कि जब राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रशासनिक कार्यकुशलता और जनता का सहयोग एक साथ हो, तब राज्य हर मोर्चे पर अव्वल आ सकता है।

कैसे तय होती है रैंकिंग? जानिए 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण का पैमाना

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में शहरों को कई मानकों पर जांचा गया, जिनमें शामिल हैं:

  • कचरा संग्रहण और निपटान की व्यवस्था
  • सफाई कर्मचारियों की कार्यप्रणाली
  • नागरिकों की भागीदारी
  • जन जागरूकता अभियान
  • सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति
  • डिजिटल फीडबैक और रियल टाइम मॉनिटरिंग

इन सभी क्षेत्रों में मध्य प्रदेश के शहरों ने लगातार सुधार दिखाया है और इसीलिए उन्हें सम्मानित किया जा रहा है।

क्या है सुपर लीग श्रेणी और क्यों है खास?

सुपर लीग श्रेणी उन शहरों के लिए आरक्षित होती है जो लगातार तीन वर्षों तक उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे हों। इस वर्ष इंदौर, उज्जैन और बुधनी को इस विशेष श्रेणी में शामिल किया गया है।इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ एक बार सफाई अभियान चलाकर पुरस्कार मिल सकता है। इसके लिए सालभर निरंतर प्रयास, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, नागरिकों की भागीदारी और मजबूत प्रशासनिक निगरानी जरूरी होती है।

मप्र के प्रयासों को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

मध्य प्रदेश का यह शानदार प्रदर्शन ना सिर्फ राज्य के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में एक प्रेरणा बनकर उभरा है। अन्य राज्यों के लिए मप्र का मॉडल अनुकरणीय बन गया है।यह सफलता प्रदेश के सभी 52 जिलों और 413 नगरीय निकायों के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है। यह बताता है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी राज्य स्वच्छता में देश का सिरमौर बन सकता है।

निष्कर्ष: स्वच्छता से ही बनेगा सशक्त भारत

2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश की यह ऐतिहासिक सफलता न केवल आंकड़ों का खेल है, बल्कि यह उस बदलते मानसिकता का प्रमाण है जो अब स्वच्छता को सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नागरिक दायित्व भी मानता है।

आज जब देश स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे सपनों को साकार करने की ओर बढ़ रहा है, तब स्वच्छता उसकी बुनियाद बनती है। मध्य प्रदेश ने यह दिखा दिया है कि इच्छाशक्ति, जनसहभागिता और समर्पण हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।आइए, हम सब मिलकर इस मुहिम को आगे बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि अगले सर्वेक्षण में भी हमारा राज्य और हमारा शहर अग्रणी बना रहे।

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